Thursday, 12 April 2018

सिद्ध योग बाबा बालकनाथ जी कृपा साधना

सिद्ध योग बाबा बालकनाथ जी कृपा साधना

आदेश आदेश मैं आपका सनी शर्मा फिर से हाज़िर हूँ एक बार नई साधना के साथ यह शब्द देखने मैं चाहिए कुछ बी हो लेकिन यह मैं खुद पढता हूँ यही मेरा पहला मंत्र है था बाबा बालकनाथ जी की थोड़ी बहुत जो बी कृपा हुई है इसी मंत्र से हुई है ! क्युकी यह शब्द मुझे मेरे किस बही ने दिए थे जब मैं उनके पास मिलने गया था ! और मैंने यह मंत्र की  सिर्फ कुछ  माला की थी जयदा नहीं की है लेकिन बाबा जी की कृपा बहुत ज्यादा हुई बाबा जी की ! नाथ पंथ के जितने बी शाबर मंत्र है जा वैदिक है तो याद रहे नथो की सेवा मैं आप सभी को सम्भोग (सेक्स) काम करना है जा बंद करना होगा जितने दिन की सेवा लगनी है ! 

मंत्र शाबर 

ॐ सिधाएँ नमः 
OM SHIDHAYE NAMAH 

यह मंत्र है आपको इस मंत्र का जाप करना है आपकी अपनी सुबिदा के अनुसार करना है आपको करना है जैसे के १ माला जा फिर आप अपने अनुसार करके हो ! बाकि साधना काल मैं इस्त्री  से दूर रहना है आपको और एक बार और है यह मंत्र लेडीज बी कर सकती है लेकिन बाबा जी का सामान जो पढ़ा है उसको काम टच करना है लेडीज को क्युकी बाबा बी बरम्हचारि थे इसलिए और पीरियड टाइम मैं लेडीज सिर्फ मांसक जाप करे लेकिन आसान  पर नहीं बैठना है और मानसिक जाप ही करना 
है और कुछ नहीं करना है बाकि टाइम आपको पता है पूजा टाइम मैं देसी घी का दीपक धुप और अगरबत्ती बी लगानी है ! माला रुद्राकाश की लेनी है आपको ! और यह साधना आपको जेटसः ऐतवार से सुरु करनी है और आपको यह सवा महीना करनी है ! और हर संडे को बाबा जी के नाम का रॉट देना है और कच्ची लस्सी का छिड़काव करना है ! और गाये के उपले (गोटे) पर आपको रॉट लगाना है और १२५००० जाप करना है आपको साधना काल मैं जो बी अनुभूत होगा किसी को नहीं बताना है आपको मेरे ईमेल ईद पर मुझे बता सकते हो आप सभी और जाप पूरा हो जाने आपको इस मंत्र का हवन करना है वो आप अणि सुबदीअ के अनुसार आकर सकते हो लेकिन ११ माला जरुई देना और बाबा जी से प्रे करना के आपकी कृपा हम सब पर बानी रहे ! अलख आदेश सनी शर्मा नाथ पंथ शाबर मंत्र शिव गोरक्षधाम सतनाली गोगामेड़ी शाबर मंत्र मण्डली एक गुज़ारिश और आपसे मेरे लिए प्रे करना के मैं प्रचार और ऐसे ही आप सभी की हेल्प करता रहु और मेरे बाबा जी की कृपा सदा ही सब पर बानी रहे ! ॐ शिव गोरक्ष ॐ नमः शिवाये जय हो मेरी सच्ची सर्कार जय जय माता रानी की सनी शर्मा 

तंत्र किरिया कैसे की जाती है

तंत्र किरिया कैसे की जाती है 

तंत्र मंत्र यन्त्र यह ३ प्रकार है लेकिन तंत्र मैं टोटके आते आज कल बहुत से उपाय दिए जाते है जैसे के यूट्यूब और सोशल मीडिया पर जैसे के ७ मिर्चा , ७ काली मिर्च , १ नारिया यही सारी तंत्र मैं यूज़ होती है ! तंत्र मैं छोटे छोटे टोटके आते है जैसे के भैरो बाबा जी की पूजा मैं उनके नाम का भोग दे कर काम लिया जाता है और साथ मैं काली माता की आन दे कर काम लिया जाता है ! इसलिए गुरु का होना यहाँ पर जरूरी होता है क्युकी आप तंत्र की किसी बी किरिया को बिन गुरु के अपने कुछ नहीं करना है इसलिए गुरु जी का नाम ले कर ही सब कुछ किया जाता है ! क्युकी तंत्र की किरिया मैं आप जो कुछ बी करते हो करने वाले से ले कर जिसके ऊपर किरिया की जाती है असर दोनों साइड मैं होता है ऐसा नहीं करना किया और तुरंत काम हो गया है गुरु ज्ञान के आधार पर आपको बता दू काम होने के एक टाइम अवधि होती है ! होने को तो काम १ मिंट मैं हो जायगे नहीं तो जयदा टाइम बी लग सकता है सब कुछ गुरु कृपा पर डिपेंड करता है ! बिना गुरु के कुछ नहीं हो सकता है ! सो गुरु धारण करना है सबसे पहले आपको गुरु बी ऐसा चुनो जिसका स्वार्थ न किसी क प्रकार का बस सेवा करो उनकी सेवा मैं ही आपको सब कुछ मिलना है ! जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 

गोरख बाणी

गोरख बाणी

शिव दा रूप गुरु दा सवरूप गुरु सिमरन 
है सबसे ऊँचा गुरु बैठे शिव के बेष करे 
विचार ॐ शिव गोरक्ष योगी तेरी माया 
तेरी शाया जगत मैं रह कर नर नारी को 
भेद समझाया गुरु कृपा से सिद्धो से मिलाया
गुरु नाम शिव का नाम देवे ज्ञान भरपूर 

गुरु सबसे ऊपर है गुरु ही देने वाला है गुरु ही लेने वाला है गुरु का नाम शिव का नाम जपने के बराबर है क्युकी शिव बाबा की बाणी है यह शिव जी गुरु गुरु ही शिव है ! सो अपने अपने गुरु मंत्र का जाप क्या करो क्युकी घोर कलयुग है एक दम से कुछ नहीं मिलता है थोड़ा टाइम लगता है थोड़ा खुद पर विश्वास होना जरूरी है बाकि अपनी सोच और समझ और प्रति आपका क्या भाव है यह सब कुछ मानिये रखता है सो नेट पर भटका छोड़ो और गुरु नहीं है तो अपने इष्टदेव की सेवा करो क्युकी सेवा से ऊपर कुछ नहीं हिअ जितनी सेवा करो उतना फल प्रपात होगा आपको तंत्र मंत्र मैं तो खुद की बॉडी पर कष्ट आता है लेकिन भगति और सेवा मैं आनद आता है जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 

!! दिव्य चमत्कारी गुप्त मन्त्र स्वयं अनुभूत गुरु गोरख नाथ जी का मंत्र !!

!! दिव्य चमत्कारी गुप्त मन्त्र स्वयं अनुभूत गुरु गोरख नाथ जी का मंत्र !! 

बहुत ज्यादा कमेंट आने पर दोवारा से लिख कर दे रहा हूँ मैं मंत्र बस जैसे लिखा वैसे ही करना है
आपको और मेरे वीडियो पर कम से कम १००० लाइक और ५०० कमेंट आया तो बाबा काल
भैरो जी की साधना दुगा जो गुप्त है किताब के मंत्र नहीं है यह सब अलख आदेश !!! कमेंट मैं
कृप्या आदेश लिखें !!! अगर आपको अभी बी समझ नहीं आता है मेरा लिखा तो मैं इस मैं कुछ
नहीं कर सकता हूँ मुझे माफ करना आप और हो सके तो पहले मेरे सारे वीडियो देखना आप ! सनी शर्मा

शाबर मंत्र :-- 

ॐ गुरु जी गोरख जती मछेन्द्र का चेला शिव के रूप में दिखे अलबेला कानों कुंडल गले में नादी हाथ त्रिशूल नाथ है आदि अलख पुरुष को करूँ आदेश जन्म जन्म के काटो कलेश भगवा वेश हाथ में खप्पर भैरव शिव का चेला जहाँ जहाँ जाऊं नगर डगर लगे वहां फिर मेला शिव का धुना गोरख तापे काल कंटक थर थर कांपे मेरी रक्षा करे नव नाथ राम दूत हनुमन्त रिद्धि सिद्धि आंगन विराजे माई अन्नपूर्णा सुखवंत शब्द सांचा पिंड कंचा चलो मन्त्र ईश्वरो वाचा !

यह मन्त्र सरल साबर मन्त्र है गोरख जाती का दिव्य साबर मन्त्र है परम दुर्लभ था अभी तक
कभी प्रकट नहीं किया गया! था गुरु शिष्य परम्परा के अंतर्गत पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहा पर 
पर आज से पहले गुप्त ही थाकभी पुस्तकों में प्रकाशित नहीं हुआ आज तक !! हर काम में पढना 
शुभ है ! रोज 11 बार पढ़ें ! फिर देखें गुरु गोरख जती महाराज का चमत्कार !

बात आती है आपके श्रद्धा भाव की मैंने थोड़ी न कुछ करना है कृपा करना उस मालिक का
काम है मैं तो उसका बच्चा हूँ ! आप सभी जैसा ही हूँ मेहनत आपकी अपनी है मैं किसी को देने 
वाल कौन होता हूँ यह सब उस मालिक की कृपा है आप बस करना इसको लेकिन गुरु ,इष्ट,
और पितृ यह सब जरूरी है क्युकी सारी चीज़े इनसे घूम फिरके आती है !इसलिए बोलता हूँ 
गुरु पहले और मेरे मंत्र तंत्र रियल है भाई कोई बी मंत्र डायरेक्ट उठा कर कबि मत करना क्युकी
अगर किसी को कुछ हुआ तो मैं उसके लिए ज़िम्मेदार नहीं हूँ ! वो आपका रिस्क है मेरा काम
देना है बाकि आप गुरु मंत्र चेतन करके कर सकते हो कुछ बी अलख आदेश सनी शर्मा





गोरक्षमया


गोरक्षमया 

गुरु गोरखनाथ जी की कृपा जिसपे है वो बहुत ही खुश नसीब बाँदा है क्युकी गुरु तो सबके होते है लेकिन जिसका गुरु ही महाकाल हो अभूत छोटी चीज़ नहीं होती है क्युकी उसके काम बोलते ही निकलते है फर्याद से ही काम होने लगते है सद्गुरु महाराज गुरु गोरखनाथ जी मेहमा अपरम्पार है सो गुरु जी की भगति करते जाओ सेवा करो सेवा मैं आपको जयदा कुछ नहीं बाद उनका ध्यान करना है और अच्छे कर्म करते जाना है बुरा नहीं करना है किसी का बस बाब जी की कृपा हो जयगी आप सभी पर क्युकी जगत गुरु है यह मेरे एकेले के गुरु नहीं है जो सच्चे मन से बाबा जी को याद करता जयगा वो जल्दी ही बाबा जी के दर्शन बी कर लेगा गुरु जी कृपा होना कोई बहुत बढ़ी बात नहीं है मैं बी कबि आपके जैसे ही भटका था नेट पर लेकिन शिव शिव किया तो गुरु से मिला दिया सो मेरे सद्गुरु महाराज बहुत ही प्यारे है सब बचो की सुनते है सबकी नइया को पार लागते है और गुरु जी भगति से ऊपर कुछ नहीं सिद्दी विद्दी के चक्र मैं मत प[अधो बस नाम लेते जाओ आपके जीवन मैं सब कुछ आता जयगा यह मेरा विश्वास है जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 










गोरखनाथ का प्रिय मंत्र 'जंजीरा' मंत्र

गोरखनाथ का प्रिय मंत्र 'जंजीरा' मंत्र 

यह सब आपकी शरधाभाव पार डिपेंड करता है गऊ कृपा कितनी है और गुरु हुकुम से आप सभी जो बी करते हो शत परिष्त आपका मंत्र सिद्ध होता लेकिन गुरु कृपा की से ऊपर कुछ नहीं है गुरु है तो आपके सरे काम सब खुद व खुद निकलते है सो गुरु है तो सब कुछ करो आप बिना गुरु के सारा भार आपके आपके शरीर पर आता है ! इसलिए गुरु नहीं तो पहले आपके इष्टदेव की सेवा करो आप पहले उनकी कृपा होने बाद आपके काम खुद व खुद और साडी तांत्रिक माया समझ मैं आएगी !


मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए नाना प्रकार की सिद्धियाँ की एवं उस पर विजय प्राप्त करने के बाद स्वार्थ-परमार्थ दोनों कार्य भी किए। किसी ने भैरव को, किसी ने दुर्गा को, किसी ने हनुमान जी को इस प्रकार सभी ने अपने-‍अपने हिसाब से देवताओं की आराधना कर सिद्ध किया और अपने कार्य को किया। 



यहाँ पर गुरु गोरखनाथ को प्रसन्न करने के लिए मंत्र (जंजीरा) दे रहे हैं जो 21 दिन में सिद्ध होता है। साथ में गोरखनाथ जी का आशीर्वाद भी मिलता है इसे सिर्फ परोपकार के लिए ही कार्य में लें अपने स्वार्थ के लिए नहीं।

मंत्र (जंजीरा)

ऊँ गुरुजी मैं सरभंगी सबका संगी, दूध-माँस का इकरंगी, अमर में एक तमर दरसे, तमर में एक झाँई, झाँई में पड़झाँई, दर से वहाँ दर से मेरा साईं, मूल चक्र सरभंग का आसन, कुण सरभंग से न्यारा है, वाहि मेरा श्याम विराजे ब्रह्म तंत्र ते न्यारा है, औघड़ का चेला, फिरू अकेला, कभी न शीश नवाऊँगा, पत्र पूर पत्रंतर पूरूँ, ना कोई भ्राँत ‍लाऊँगा, अजर अमर का गोला गेरूँ पर्वत पहाड़ उठाऊँगा, नाभी डंका करो सनेवा, राखो पूर्ण वरसता मेवा, जोगी जुण से है न्यारा, जुंग से कुदरत है न्यारी, सिद्धाँ की मूँछयाँ पकड़ो, गाड़ देवो धरणी माँही बावन भैरूँ, चौसठ जोगन, उल्टा चक्र चलावे वाणी, पेडू में अटकें नाड़ा, न कोई माँगे हजरता भाड़ा मैं ‍भटियारी आग लगा दूँ, चोरी-चकारी बीज बारी सात रांड दासी म्हाँरी बाना, धरी कर उपकारी कर उपकार चलावूँगा, सीवो, दावो, ताप तेजरो, तोडू तीजी ताली खड चक्र जड़धूँ ताला कदई न निकसे गोरखवाला, डा‍किणी, शाकिनी, भूलां, जांका, करस्यूं जूता, राजा, पकडूँ, डाकम करदूँ मुँह काला, नौ गज पाछा ढेलूँगा, कुँए पर चादर डालूँ, आसन घालूँ गहरा, मड़, मसाणा, धूणो धुकाऊँ नगर बुलाऊँ डेरा, ये सरभंग का देह, आप ही कर्ता, आप ही देह, सरभंग का जप संपूर्ण सही संत की गद्‍दी बैठ के गुरु गोरखनाथ जी कही।

सिद्ध करने की विधि एवं प्रयोग : 

किसी भी एकांत स्थान पर धुनी जलाएँ। उसमें एक लोहे का चिमटा गाड़ दें। नित्य प्रति धुनी में एक रोटी पकाएँ और वह रोटी किसी काले कुत्ते को खिला दें। (रोटी कुत्ते को देने के ‍पहले चिमटे पर चढ़ाएँ।) प्रतिदिन आसन पर बैठकर 21 बार जंजीरा (मंत्र) का विधिपूर्वक पाठ करें। 21 दिन में सिद्ध हो जाएगा।

किसी भी प्रकार का ज्वर हो, तीन काली मिर्च को सात बार मंत्र पढ़कर रोगी को खिला दें, ज्वर समाप्त हो जाएगा। 

भूत-प्रेत यक्ष, डाकिनी, शाकिनी नजर एवं टोने-टोटके किसी भी प्रकार का रोगी हो, मंत्र (जंजीरा) सात बार पढ़कर झाड़ दें। रोगी ठीक हो जाएगा। 

यदि आप किसी भी कार्य से जा रहे हो, जाने से पूर्व मंत्र को पढ़कर हथेली पर फूँक मार कर उस हथेली को पूरे चेहरे पर घुमा लें फिर कार्य से जाएँ, आपका कार्य सिद्ध होगा और आपको सफलता जरूर मिलेगी।

आत्मा एवं परमात्मा का मिलन आपके कार्य सिद्ध करेंगे।जो न मांगोगे वही मिलेगा लेकिन भाव सही होना चाहिए और गुरु प्रत्रि श्रद्धा भाव जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !



सच्चे गुरु की पेहचान

सच्चे गुरु की पेहचान 

गुरु के प्रर्ति शिष्ये का भाव सही होना जरूरी है वैसे ही गुरु का बी शिष्ये प्रति भाव होना मान्य रखता है आज कल तो कुछ ऐसे तांत्रिक है जो के बोलते है ५१०० अकाउंट मैं डाल दो मैं आपको ऑनलाइन दीक्षा दे दुगा पर यह सब कुछ गलत है रियल गुरु वो है जो आपके एकेले मैं बिठा कर ज्ञान देता है जैसे के गुरु का गुरु मंत्र गुरु पूर्णिमा को गुरु के दोवारा शिष्ये के काम मैं फूंका जाता है ऐसे नहीं है गुरु मंत्र आप कोई बी करलो जब तब गुरु मंत्र काम मैं नहीं देता है तब तक आप उनके शिष्ये नहीं हो सकते हो क्युकी गुरु तभी मन जाता है जब वो अपने प्राण शक्ति से आपको वो शक्ति देता है ऐसे चलते फिर गुरु से नेट भरा पढ़ा है नेट वाली विद्या और गुरु जी की विद्या दोनों अलग -२ है हमारे गुरु मुखी मंत्र नेट और किताब से मैच नहीं होते हिअ और गुरु का हुकुम बी यही होता है के आपको गुप्त रहना है और किसी को बी कुछ नहीं बताना है जब तक आप तंत्र मंत्र के छेतर मैं पूरी तहा सम्पूर्ण  नहीं हो जाते हो ! बाकि यह सब मेरा खुद का अनुभव और अध्यन है ! क्युकी मैं किताबी ज्ञान किसी को नहीं देता हूँ न ही किसी को किसी बी प्रकार के भरम मैं रखना चाहता हूँ क्युकी आज मैं सच बोलूगा तो शयद किसी भाई बेहेन को मेरी बात समझ आ जाये ! मेरा काम तंत्र मंत्र की सही जानकारी देना है आप सभी दे गुजारिश है आप सभी नेट वाली कोई बी किर्या ऐसे मत करना क्युकी तंत्र मंत्र मैं पोस्टिव और नेगटिव विकार दोनों साथ मैं चलते है गुरु कृपा के बाद ही आप इन सब से बच पाओगे इसलिए गुरु धारण करना जरूरी है अगर आपके गुरु नहीं गुरु तो काम से काम गुरु को नेट पर मत ढूँढो मत उड़ाओ पैसे ऐसे ऑनलाइन कुछ नहीं होता है ! असली दीक्षा और गुरु का ज्ञान गुरु के पास मैं रह कर ही प्रपात होता है जय गुरु गोरखनाथ मैं आपका भाई सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! बस मेरा काम आप सब को सही गाइड करना है मैं किसी को भर्मित नहीं करना चाहता हूँ और यहाँ पर जो न किरिया दी जायगी वो सारि की सारि सही और टेस्टेड है मेरे दोवारा मेरे से जो लोग सीखते है उनके अनुभव के आधार पर यहाँ पर सब कुछ देता हूँ मैं ! श्री शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज को आदेश आदेश ! 





सिद्ध योग बाबा बालकनाथ जी कृपा साधना

सिद्ध योग बाबा बालकनाथ जी कृपा साधना आदेश आदेश मैं आपका सनी शर्मा फिर से हाज़िर हूँ एक बार नई साधना के साथ यह शब्द देखने मैं चाहिए कुछ बी ...