Wednesday, 11 April 2018

पंथ की दीक्षा

पंथ की दीक्षा 

दुनिया मैं बहुत कुछ है करने को एक पंथ नहीं है बहतु से पंथ है लेकिन हर प्रकार के पंथ मैं अलग अलग प्रकार से दीक्षा होती है नाथ पंथ मैं जो शिष्ये पूर्ण रूप से गुरु के दर्शन पा लेते है जिस पर गुरु कृपा हो जाती है वो हाथ योग और मंत्र से वो मुकाम हासिल कर लेता है तब उसका काम वही पर ख़त्म नहीं होता है क्युकी आगे दूसरी दीक्षा मैं उसको जनेऊ मिलता है वो बी पूरी विधि के अनुसार गुरु हुकुम से गुरु कृपा से प्रपात होता है हर किसी को वो नहीं मिलता है जो इंसान भगति करता जाता है और सांसारिक जीवन से दूर होता जाता है वैसे वैसे ही उसको यह सारा गुप्त ज्ञान गुरु जी के दोवारा प्रपात होता है नेट वाला ज्ञान नहीं होता है क्युकी गुरु के मुख से मिली चीज़े तो पहले से सिद्ध होती है उनको सिद्ध करने की जरूरत नहीं होती है आपको मेहनत नहीं करनी है आपको तो मंत्र याद करना है डेली पूजा टाइम मैं जितना आपको सही लगे वैसे जपना होता है एहि गुरु का गुप्त ज्ञान है जो के नेट पर नहीं मिलता है जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !!









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  2. Aadesh mahraj ji sir i want to meet u sir im from ludhiana punjab

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  3. Guruji mujhe diksha chahiye kripya mera Kalyan kare mai bahut bhatak raha hu..kripya margdarshan dijiye

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  4. Guruji muje bagavan ki Chitra bar bar najar ata hai.kya hai ye sab. Pls muje batao guruji.

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  5. मुझे कैसे मिल सकती है मेरा no 7771981851
    Mp se hu

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