वाशना और ध्यान
वाशना और ध्यान अध्यतम के रस्ते पर चलते चलते वाशना का अंत और उसके बाद ध्यान लग्न और समधी अवस्ता मैं जाना क्युकी लगतार गुरु मंत्र के जाप और सद्गुरु महाराज जी की कृपा से ही आप उस मुकाम को प् सकते हो इसलिए गुरु देव का होना जरूरी है कुछ टाइम बाद इसलिए गुरु नहीं है तो इष्टदेव की पूजा करो आप सभी सेवा लगाओ सवा महीना की उसके बाद रत को सोते टाइम अगर कोई हुकुम हो तो उसकी पालना करो फिर आप तंत्र मंत्र के जगत मैं आओ क्युकी गुरु सिद्ध करना मतलब सुरक्षा कवच धारण करना होता है गुरु होगा तो आपकी सुरक्षा होती है हर एक देव और प्रेत शक्ति के आवाहन के टाइम अगर गुरु नहीं होगा तो शक्ति डायरेक्ट आपके ऊपर आयगे यह मे स्वयं का अनुभव है आशा करता हूँ मेरी जानकारी आप सभी को अच्छी लगी हो अलख आदेश श्री शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज को आदेश आदेश सनी शर्मा !
वाशना और ध्यान अध्यतम के रस्ते पर चलते चलते वाशना का अंत और उसके बाद ध्यान लग्न और समधी अवस्ता मैं जाना क्युकी लगतार गुरु मंत्र के जाप और सद्गुरु महाराज जी की कृपा से ही आप उस मुकाम को प् सकते हो इसलिए गुरु देव का होना जरूरी है कुछ टाइम बाद इसलिए गुरु नहीं है तो इष्टदेव की पूजा करो आप सभी सेवा लगाओ सवा महीना की उसके बाद रत को सोते टाइम अगर कोई हुकुम हो तो उसकी पालना करो फिर आप तंत्र मंत्र के जगत मैं आओ क्युकी गुरु सिद्ध करना मतलब सुरक्षा कवच धारण करना होता है गुरु होगा तो आपकी सुरक्षा होती है हर एक देव और प्रेत शक्ति के आवाहन के टाइम अगर गुरु नहीं होगा तो शक्ति डायरेक्ट आपके ऊपर आयगे यह मे स्वयं का अनुभव है आशा करता हूँ मेरी जानकारी आप सभी को अच्छी लगी हो अलख आदेश श्री शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज को आदेश आदेश सनी शर्मा !
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