शाबर मंत्र की दुहाई
क्यों लगते है एक जैसे शब्द हर के शाबर मंत्र मैं क्युकी सारी की सारी देन दादा गुरु मछिन्दर नाथ और गुरु गोरखनाथ जी की है सबसे ईनो ने ही शाबर मंत्र कोई सिद्ध और स्वयं खुद चलाया है ! मंत्र की लाइन और कुछ शब्द जैसे की मंत्र के पीछे दुहाई लगती है ! वैसे ही गुरु गोरखनाथ और ९ नाथ ८४ सिद्ध महाराज शाबर मंत्र मैं और जगत मैं गुरओ की गादी पर और हर एक नाथ किसी न किसी देव का सवरूप जा आप कह सकते हो रूद्र अवतार है यह सारा मेरा खदु का अध्यन है क्युकी मैं आज तक यह सब कही पढ़ा नहीं है बस मेरे मन और मेरे सद्गुरु गोरखनाथ जी महाराज की कृपा है !
ज्ञान देना नहीं देना उस मालिक के हाथ मैं है मैं तो आज बे आपके जैसा हूँ गुरु जी के लिए मैं आज बी बच्चा हूँ और आने वाले १०० सालो तक जब तक मेरी बॉडी मैं प्राण है तब तक मैं उनके लिए बच्चा ही रहुगा ! बात आती है तो स्वयं को जानने की के आप क्या हो और क्या करते हो बस उसी मैं ही सब कुछ शिप वही से रास्ता मिलगा आपको अध्यतम का बहुत से भाई बोलते है गुरु नहीं है तो भाई साब नेट पर गुरु नहीं मिलता है यूट्यूब फेसबुक और ब्लॉग भरा पढ़ा है लेकिन जयदा तर कॉपी पेस्ट है ान्हि किरिया है ज्ञान वही दो जो अपने किया है भूत प्रेत और जिन्नात परी यह सब का क्या करना है कबि न कबि कोई गलती है तब इंसान कही न कही फसता है यह मेरा मानना है इसलिए गुरु पहले इष्टदेव पहले पितरो की सेवा पहले फिर बाकि सब बाद मैं अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
क्यों लगते है एक जैसे शब्द हर के शाबर मंत्र मैं क्युकी सारी की सारी देन दादा गुरु मछिन्दर नाथ और गुरु गोरखनाथ जी की है सबसे ईनो ने ही शाबर मंत्र कोई सिद्ध और स्वयं खुद चलाया है ! मंत्र की लाइन और कुछ शब्द जैसे की मंत्र के पीछे दुहाई लगती है ! वैसे ही गुरु गोरखनाथ और ९ नाथ ८४ सिद्ध महाराज शाबर मंत्र मैं और जगत मैं गुरओ की गादी पर और हर एक नाथ किसी न किसी देव का सवरूप जा आप कह सकते हो रूद्र अवतार है यह सारा मेरा खदु का अध्यन है क्युकी मैं आज तक यह सब कही पढ़ा नहीं है बस मेरे मन और मेरे सद्गुरु गोरखनाथ जी महाराज की कृपा है !
ज्ञान देना नहीं देना उस मालिक के हाथ मैं है मैं तो आज बे आपके जैसा हूँ गुरु जी के लिए मैं आज बी बच्चा हूँ और आने वाले १०० सालो तक जब तक मेरी बॉडी मैं प्राण है तब तक मैं उनके लिए बच्चा ही रहुगा ! बात आती है तो स्वयं को जानने की के आप क्या हो और क्या करते हो बस उसी मैं ही सब कुछ शिप वही से रास्ता मिलगा आपको अध्यतम का बहुत से भाई बोलते है गुरु नहीं है तो भाई साब नेट पर गुरु नहीं मिलता है यूट्यूब फेसबुक और ब्लॉग भरा पढ़ा है लेकिन जयदा तर कॉपी पेस्ट है ान्हि किरिया है ज्ञान वही दो जो अपने किया है भूत प्रेत और जिन्नात परी यह सब का क्या करना है कबि न कबि कोई गलती है तब इंसान कही न कही फसता है यह मेरा मानना है इसलिए गुरु पहले इष्टदेव पहले पितरो की सेवा पहले फिर बाकि सब बाद मैं अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
Apke lekh ache large
ReplyDeleteJai bajrangbali
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