रात का अनुभव और माया जाल
क्या मायवी शकितयों का राज गुरु मंत्र के जाप से अनुभव सरे याद क्यों नहीं रहते है क्युकी गुरु मंत्र के साथ उस परम पिता परमेश्वर का दीदार होता है तो परमात्मा के दर्शन होने के बाद ही आपको उस माया का सामना करना पढता है जैसे के गुरु मंत्र के जाप करने के डैड डेली अनुभव होता है लेकिन सारी बातें समझ नहीं आती है और न ही याद रहती है साधना कोई बी हो लेकिन ब्रह्म हर जगह पर पैदा होता है ! कुछ चीज़े आपको सिर्फ आपके मार्ग से हाथे के परित्यं करती है और शक्ति जैसे बी हो देव हो है प्रेत परीक्षा तो देनी ही पढ़ती है बिना गुरु के सफलता और बिना परीक्षा के साधना पूर्ण नहीं होती है ! नेट पर बहुत कुछ है सारा गलत नहीं है लेकिन सारा सही बी नहीं है किरिया तो है लेकिन अधूरी है मंत्र के शब्द चेंज किये है लेकिन गुरु मंत्र और गुरु मुख से मिली चीज़ ही सदा आपके साथ रहती है और एक सच्चा भगत ही आपको उस परमात्मा से मिला सकता है भगति और मेहनत आपकी होती है गुरु तो रास्ता देने वाला होता है इसलिए गुरु नहीं है इष्टदेव को पढ़ो उसकी सेवा लगाओ आप नेट पर टाइम वास्ते करनी वाली बात है क्युकी यहाँ पर जो वो माया है नेट पर हर चीज़ को ढूंढो गए तो यही रह जाओगे कुछ नहीं है भगति करो चालीसा का पथ करो कोई बी हो देव शक्ति के बीज मंत्र का जाप करो लेकिन श्रद्धा भाव के साथ ऐसा ही आज काली माता कल शिव बाबा परसो जिन्नात क्युकी सेवा करोगे मन ओतबाला होगा यही खुश पर कण्ट्रोल ही तंत्र की पहेली सीढ़ी है यह मेरा स्वयं का अनुभव है किताबे तू बहुत है लेकिन नेट वाला ही शापा है उस मैं कुछ नया नहीं है लेकिन गुरु ज्ञान और गुरु की अनुभूति हर रोग नयी शिक्षा और आपको उस शक्ति से मिलती है ! जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट :- कॉपी पेस्ट करना अच्छी बात नहीं कर बी लिया तो एडिट नहीं करना उस मैं कुछ क्युकी मेरे शब्द मेरे गुरु की बानी है मेरा गुरु जगत गुरु है सद्गुरु गोरखनाथ जी महाराज तेरी सदा ही जय जैकार ! सो कॉपी पेस्ट करने से अच्छा खुद पर अप्लाई करो ज्ञान मेरा नहीं है ज्ञान तो सद्गुरु का है और गुरु तो सबके अंदर है ढूंढ़ना पढता है उनको बाकि यंग पीढ़ी है जयदा पढ़ी लेकिन समझती कम है और अपने हिसाब से चलती है क्युकी मैं बी उस मैं से एक हूँ अलख आदेश शमा करना किसी को बुरा लगा हो तो जय गुरु गोरखनाथ !
क्या मायवी शकितयों का राज गुरु मंत्र के जाप से अनुभव सरे याद क्यों नहीं रहते है क्युकी गुरु मंत्र के साथ उस परम पिता परमेश्वर का दीदार होता है तो परमात्मा के दर्शन होने के बाद ही आपको उस माया का सामना करना पढता है जैसे के गुरु मंत्र के जाप करने के डैड डेली अनुभव होता है लेकिन सारी बातें समझ नहीं आती है और न ही याद रहती है साधना कोई बी हो लेकिन ब्रह्म हर जगह पर पैदा होता है ! कुछ चीज़े आपको सिर्फ आपके मार्ग से हाथे के परित्यं करती है और शक्ति जैसे बी हो देव हो है प्रेत परीक्षा तो देनी ही पढ़ती है बिना गुरु के सफलता और बिना परीक्षा के साधना पूर्ण नहीं होती है ! नेट पर बहुत कुछ है सारा गलत नहीं है लेकिन सारा सही बी नहीं है किरिया तो है लेकिन अधूरी है मंत्र के शब्द चेंज किये है लेकिन गुरु मंत्र और गुरु मुख से मिली चीज़ ही सदा आपके साथ रहती है और एक सच्चा भगत ही आपको उस परमात्मा से मिला सकता है भगति और मेहनत आपकी होती है गुरु तो रास्ता देने वाला होता है इसलिए गुरु नहीं है इष्टदेव को पढ़ो उसकी सेवा लगाओ आप नेट पर टाइम वास्ते करनी वाली बात है क्युकी यहाँ पर जो वो माया है नेट पर हर चीज़ को ढूंढो गए तो यही रह जाओगे कुछ नहीं है भगति करो चालीसा का पथ करो कोई बी हो देव शक्ति के बीज मंत्र का जाप करो लेकिन श्रद्धा भाव के साथ ऐसा ही आज काली माता कल शिव बाबा परसो जिन्नात क्युकी सेवा करोगे मन ओतबाला होगा यही खुश पर कण्ट्रोल ही तंत्र की पहेली सीढ़ी है यह मेरा स्वयं का अनुभव है किताबे तू बहुत है लेकिन नेट वाला ही शापा है उस मैं कुछ नया नहीं है लेकिन गुरु ज्ञान और गुरु की अनुभूति हर रोग नयी शिक्षा और आपको उस शक्ति से मिलती है ! जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट :- कॉपी पेस्ट करना अच्छी बात नहीं कर बी लिया तो एडिट नहीं करना उस मैं कुछ क्युकी मेरे शब्द मेरे गुरु की बानी है मेरा गुरु जगत गुरु है सद्गुरु गोरखनाथ जी महाराज तेरी सदा ही जय जैकार ! सो कॉपी पेस्ट करने से अच्छा खुद पर अप्लाई करो ज्ञान मेरा नहीं है ज्ञान तो सद्गुरु का है और गुरु तो सबके अंदर है ढूंढ़ना पढता है उनको बाकि यंग पीढ़ी है जयदा पढ़ी लेकिन समझती कम है और अपने हिसाब से चलती है क्युकी मैं बी उस मैं से एक हूँ अलख आदेश शमा करना किसी को बुरा लगा हो तो जय गुरु गोरखनाथ !
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