Thursday, 15 March 2018

सिद्ध शाबर रक्षा मंत्र

सिद्ध शाबर रक्षा मंत्र 

जिस प्रकार युद्ध में तलवार चलाने से पूर्व अपनी सुरक्षा हेतु ढाल का प्रयोग करना जरुरी होता है वैसे ही तंत्र साधना से पूर्व, हर बुरी बालाओं से, शत्रु द्वारा भेजे हुए मूठ, चौकी, घात, बाण, कांकरी विध्या आदि से बचाव और साधना काल में आने वाली जानलेवा मुसीबतों से बचने के लिए आत्म रक्षा मंत्र बहुत ही जरुरी है
आत्म रक्षा मंत्र एक प्रकार का अद्रश्य सुरक्षा चक्र है जिसमे देवता ही साधक के रक्षक होते है मन्त्र के प्रयोग के बाद साधक निर्विध्न रूप से घर शमशान नहर के किनारे या सिद्ध पीठों में अपनी साधना सफल कर सकते है

"साबर सिद्ध मंत्र"

ॐ गुरु जी ! आल बांधू बाल बांधू, बांधू अपनी काया, सवा हाथ धरती बांधू सतगुरु की दया ! इश्वर गौरा पार्वती काबर की काबर छाया, दुहाई दुहाई मेरा पाया पानी पस्त, मेरा पाया पानी पस्त इति साबर मन्त्र

होली ,दीपावली ,ग्रहण ,सिद्ध योग ,नवरात्रे, गुरु पुष्य रवि पुष्य आदि समय में इस मन्त्र की एक माला जाप करके इसी मंत्र से हवन करें ! बस मन्त्र सिद्ध हो जायेगा फिर रोज 21 बार मन्त्र पढ़ते रहे ! जब जरुरत हो मन्त्र पढ़कर आपके शरीर पर फूंक मार लें या इसी मन्त्र से अभिमंत्रित पानी स्वयं पि लें आपकी हर तंत्र बाधा जादू टोने से रक्षा होगी इस मन्त्र को कही भी कभी भी पढ़ सकते है : कृपया "साबर मन्त्र दीक्षा" का अधिक से अधिक प्रचार करें ताकि अधिक लोग लाभ ले सकें और आपको बता दू मैं गुरु कृपा से ही आपको इस मंत्र के और पय्रोग बी है जैसे ही किसी का झरा बी लगा सकते हो किसी को ताबीज बी बना कर दे सकते है अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली और ध्यानवाद वीरेंननाथ शंकर जी का ! 




1 comment:

  1. sir ye mantar ko hame ghr ke bhahar krna pdega kya or sir isko hum kisi bi sanday se shuru kr skte hai kya

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