देव पूजा देव जुनि दानव पूजा दानव जुनि
आज कल बहुत से लोग नेट पर से कुछ बी करते है उठा कर मेरा काम सही जनकारी देना है गुरु का ज्ञान और गुरु की बातें सच्ची और उस मैं ज्ञान के रूप मैं आपको सब कुछ मिलता है देव बी और दानव बी लेकिन जैसे पूजा करोगे वैसे ही उस जुनि मैं जाना होगा आपको क्युकी इंसान का निर्माण ५ तत्व से हुआ है वैसे ही ८४ जुनि के बाद ही इंसान का रूप मिलता है इसलिए इस रूप मैं आ कर आपको अच्छे क्रम करने भला करना है और सेवा करनी है गुरु की तभी आप मरण जनम के चक्रो से छूट जाओगे लेकिन इंसान तो आजके टाइम मैं इस्त्री और भोग मैं मस्त है उसको पाने के लिए कुछ बी कर सकता है जैसे के तंत्र मंत्र की उलटी पुतली किरिया लेकिन आपको मैं बता दू बुरा करोगे तो भुगतना पड़ेगा क्युकी स्वर्ग नर्क यही है ! मरने के बाद तो किसी के क्या देखा है क्या होता है इसलिए गुरु धारण करो सेवा करो माता पिता की और सत्ये के मार्ग पर चलो आप बाकि भाई बिना स्वारथ के भगति करोगे तबी काम होगा आपका नहीं तो भटकते रहना आप नेट पर क्युकी यहाँ सिर्फ इंफोमशन मिलगी पूरी चीज़ नहीं अलख आदेश बाकि मैं कोशिश करुगा सही जानकारी और जन कलियाँ वाली चीज़े यहाँ दू सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
आज कल बहुत से लोग नेट पर से कुछ बी करते है उठा कर मेरा काम सही जनकारी देना है गुरु का ज्ञान और गुरु की बातें सच्ची और उस मैं ज्ञान के रूप मैं आपको सब कुछ मिलता है देव बी और दानव बी लेकिन जैसे पूजा करोगे वैसे ही उस जुनि मैं जाना होगा आपको क्युकी इंसान का निर्माण ५ तत्व से हुआ है वैसे ही ८४ जुनि के बाद ही इंसान का रूप मिलता है इसलिए इस रूप मैं आ कर आपको अच्छे क्रम करने भला करना है और सेवा करनी है गुरु की तभी आप मरण जनम के चक्रो से छूट जाओगे लेकिन इंसान तो आजके टाइम मैं इस्त्री और भोग मैं मस्त है उसको पाने के लिए कुछ बी कर सकता है जैसे के तंत्र मंत्र की उलटी पुतली किरिया लेकिन आपको मैं बता दू बुरा करोगे तो भुगतना पड़ेगा क्युकी स्वर्ग नर्क यही है ! मरने के बाद तो किसी के क्या देखा है क्या होता है इसलिए गुरु धारण करो सेवा करो माता पिता की और सत्ये के मार्ग पर चलो आप बाकि भाई बिना स्वारथ के भगति करोगे तबी काम होगा आपका नहीं तो भटकते रहना आप नेट पर क्युकी यहाँ सिर्फ इंफोमशन मिलगी पूरी चीज़ नहीं अलख आदेश बाकि मैं कोशिश करुगा सही जानकारी और जन कलियाँ वाली चीज़े यहाँ दू सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
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