Sunday, 18 March 2018

गुरु का बास

गुरु का बास

गुरु आपकी चेतना है गुरु आपके भीतर है गुरु मंत्र का जाप करने से गुरु अपने अंदर ही बास करता है क्युकी खुली आँखों से कुछ नहीं दिखाई देता है गुरु को तो ढूंढ़ना पढता है गुरु बिना कुछ नहीं है गुरु ज्ञान है गुरु ही शिव है ! गुरु मनरा आपका रक्षा कवच है गुरुबिना साधना मैं सफलता नहीं मिल सकती है तंत्र मंत्र यन्त्र की रह पर चलना है तो गुरु धारण करो पहले आप गुरु को आप पैसे से नहीं खरीद कस्ते हो गुरु आपकी भगति है और बहगति से ही गुरु मिलता है गुरु ज्ञान बी गुप्त होता है वो ज्ञान किसी किसी शिष्ये को मिलता है और हर एक तंत्री किरिया है एक सूट नहीं करती है क्युकी क्या पता कृपा देवी की होनी हो आप पर और भगति आप देव की करते हो इसलिए गुरु जी जरूर यहाँ पढ़ती है नेट पर मंत्र मिल सकते है नेट पर अधूरा ज्ञान मिल सकता है गुरु नहीं शिव जी की भगति करो आप सभी उनका नाम लो वही गुरु देंगे आपको नहीं तो अपने इष्ट दे को गुरु मन कर १२५००० का जाप करो फिर उतरो तंत्र मंत्र के जगत मैं ११०% पहली बार मैं हर साधना सफल होगी आपकी मैं आपका सनी शर्मा अलख आदेश शिव गोरक्षधाम सतनाली ! जय हो मेरे सद्गुरु गोरखनाथ जी महाराज तेरी सदा ही जय जैकार ! 


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