गुरु गोरखनाथ जी की बाणी
सतनाम आदेश सद्गुरु जी को आदेश आदेश
योगी योगी महायोगी शिव का रूप रूद्र योगी
मछिन्दर का चेला देखने अल्वेला ९ दी नाथा
शान बैठे धुनें दे नाल सत्ये फुरे सत्ये वाचा फुरे
सनी सिरमे सद्गुरु गोरखनाथ आजा चढ़ मेरी
जुबान करदे बेड़े पार तू गुरुआ दा गुरु तेरी सुने
जगत बेहाल ॐ शिव गुरु गोरक्षनाथ तेरी
सदा ही जय जैकार सतनाम आदेश गुरु जी को !
सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
मेरे शब्द मेरी गुरु की बानी है क्युकी मेरा गुरु ही मेरे लिए सब कुछ है गुरु बिना मैं जीरो हूँ गुरु नहीं तो मैं किसी का क्या मार्गदर्श करुगा गुरु ही करने वाला है वही देने वाला है गुरु मंत्र का जाप गुरु के नाम की जोट जलाओ अपने अंदर आप सभी क्युकी गुरु कृपा से बाद ही आपकी हर पुकार और हर बाधा का जबाब गुरु जी के आवाज़ से मिलगा वो आवाज़ आंतरिक हो सकती है जय इशारा बी हो सकता है लेकिन सद्बुद्धि और ज्ञान गुरु की देन है ! गुरु नहीं है इष्टदेव की इतनी सेवा करो वो खुद ही आपके गुरु बन जाये मेरा काम सही जानकी देना है मैं किसी को भर्मित नहीं करता हूँ क्युकी पहले खुद करता हूँ फिर आपको देना हूँ जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !
नोट:- कल को मेरी जो बी क्रिया या तंत्र मंत्र दिया जयदा उसको कॉपी और अपनी विधि और चेंज मत क्युकी क्युकी मैं हुकुम से ही देना हूँ मालिक के हुकुम से और मेरे मुख से दी हुयी ही मेरी चीज़ काम करेंगे यह मेरे सद्गुरु के वचन है चाहे तो अपना कर देख लो आप क्युकी मेरे से बात करेगा जप कोई उसको मैं उपाय दुगा तभी काम करेगा ऐसे डायरेक्ट नहीं क्युकी जन कलियाँ करना है जन का नस नहीं और आप सभी यह मत सोचना मैं आपसे पैसे लगा टोटली फ्री है सेवा करो बस मेरे लिए बी कबि दुआ करना के हमारे पीछे उस बन्दे का बी बहला हो जय गुरु गोरखनाथ ! मेरी कोई बी किरिया किताब से मैच नहीं होगी ने ही नेट पार मिलगे लेकिन यहाँ पार मैं वही चीज़ दुगा जो जन के लिए सही है !
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